जर्मनी के मेलैट्ज़/गोटिंगेन में ऐनी को संदेश
मंगलवार, 30 अगस्त 2005
शैतान की लड़ाई पूरी दुनिया में चल रही है। लोग इतने बुरे हो गए हैं। वे नाले बन गए हैं। यह समझ से परे है कि वे हर पल हमारी दिव्यता का अपमान कैसे करते हैं। वे एक ही लिंग के साथ खुद को जीते हैं और इससे आगे नहीं जा सकते। वे हम, दिव्यता को कितनी ठेस पहुँचाते हैं। आप दूर से भी माप नहीं सकते कि हमें, दिव्यता को कितना अलग रखा गया है।
आज लोगों के लिए सब कुछ महत्वपूर्ण है। उन्होंने आज की तकनीक की उपलब्धियों का लाभ उठाया है। मैंने अपनी पृथ्वी तुम्हें सभी के निपटान में रख दी है ताकि तुम इसे खुशी में अपना बना सको, स्वर्ग से एकजुट होकर। आज मानव जाति क्या बन गई है? उन्होंने खुद को हमसे अलग कर लिया है ताकि वे महसूस हो सकें। यह उनका सिद्धांत बन गया है।
अगर मैं उन्हें नहीं पकड़ता तो मैं उन्हें एक पल में पृथ्वी से बहा सकता था और वे दुखी धूल बन जाते। उनमें कुछ भी नहीं बचेगा। यह मानवता क्यों नहीं समझती कि वे अपने महान भगवान के बिना कोई काम नहीं कर सकते? मैं उन सभी को प्यार करता हूँ जिनके लिए मैंने अपना जीवन दिया। मुझे कितनी गंदगी और व्यभिचार देखने हैं?
मेरे बहुमूल्य पवित्र रक्त की एक छोटी सी बूंद पूरी मानव जाति को बचा सकती है। आओ, जल्दी करो मुझसे, प्रियजनो, मैं तुममें अपनी खुशी चाहता हूं।
तुम्हारे दिलों में लालसा बढ़ने दो, क्योंकि तभी तुम्हारा प्यार परिपक्व होगा। हर दिन क्रॉस के मेरे दुख में खुद को डालो ताकि तुम्हें यह पीड़ा अपने शरीर में अधिक गहराई से महसूस हो सके, क्योंकि तुम्हें आज की विधर्म में कई लोगों का निर्माण करने और बचाने में हमारी मदद करनी है। विश्वास के बारे में खुलकर बात करो और छिपना मत क्योंकि तुमको यह अप्रिय लगता है। मैं सभी द्वारा प्यार किया जाना चाहता हूं और दिलों को खुलने का इंतजार करता हूं।
उत्पत्तियाँ:
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